MP Mukhyamantri Janani Yojana मध्यप्रदेश की धरती पर, जहां संस्कृति और प्रगति का मेल होता है, वहां राज्य सरकार ने माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य व कल्याण के लिए एक जनकल्याणकारी योजना है – मुख्यमंत्री जननी योजना (Mukhyamantri Janani Yojana)। यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि मातृत्व की गरिमा को सुरक्षा प्रदान करने और नवजात शिशुओं को स्वस्थ जीवन की शुरुआत देने का एक वरदान है।
अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना कहते है तो आपको इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदक कैसे करें हम आपको इस लेख के माध्यम से सम्पूर्ण जानकारी देने वाले अधिक जानकारी के लिए आपको इस लेख को विस्तार से पूरा पड़ना होगा।
मुख्यमंत्री जननी योजना क्या है
मध्यप्रदेश में पहले कई गर्भवती महिलाएं, खासकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की, उचित चिकित्सा सुविधाओं और वित्तीय सहारे के अभाव में घर पर ही प्रसव कराने को मजबूर थीं। इससे मातृ मृत्यु दर (MMR) और शिशु मृत्यु दर (IMR) चिंताजनक स्तर पर थी। इन्हीं चुनौतियों से निपटने और संस्थागत प्रसव (अस्पतालों/स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री जननी योजना की शुरुआत हुई।
योजना का मुख्य उद्देश्य
- योजना का प्राथमिक ध्यान गर्भवती महिलाओं को अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव कराने के लिए प्रेरित करना है, जहां जटिलताओं का समय पर प्रबंधन किया जा सके। MP Mukhyamantri Janani Yojana
- सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करके माताओं की जान बचाना।
- गर्भावस्था और प्रसव से जुड़े खर्चों में आर्थिक सहायता प्रदान करके गरीब परिवारों पर पड़ने वाले वित्तीय दबाव को कम करना।
- गर्भवती व धात्री माताओं और नवजात शिशुओं के लिए पोषण सहायता प्रदान करना।
- महिलाओं को नियमित प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) और प्रसवोत्तर जांच (पीएनसी) के लिए स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचने में सहायता करना।
मुख्यमंत्री जननी योजना का लाभ
मुख्यमंत्री जननी योजना लाभार्थियों को कई स्तरों पर सीधा लाभ पहुंचाती है।
- प्रसव सहायता राशि: सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सरकारी या निजी स्वास्थ्य संस्थान में प्रसव कराने वाली पात्र महिला को ₹5,000 (पांच हजार रुपये) की नकद सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि प्रसव के बाद सीधे महिला के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से जमा की जाती है। MP Mukhyamantri Janani Yojana
- योजना के तहत पंजीकृत महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान नियमित प्रसव पूर्व जांच (एएनसी), प्रसव (सामान्य या सिजेरियन), और प्रसवोत्तर जांच (पीएनसी) की सुविधा सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में निशुल्क प्राप्त होती है।
- नवजात शिशु की जांच और आवश्यक टीकाकरण भी निशुल्क किया जाता है।
- कुछ जिलों या विशिष्ट परिस्थितियों में, गर्भवती महिलाओं को आयरन-फॉलिक एसिड टैबलेट्स और पोषण युक्त आहार (जैसे हॉर्लिक्स, सोयाबीन आदि) से युक्त पोषण किट भी वितरित की जा सकती है।
- दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाली महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्र तक आने-जाने के लिए यातायात भत्ता भी दिया जा सकता है।
पात्रता
योजना का लाभ उठाने के लिए महिला को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा:
- महिला मध्यप्रदेश की स्थायी निवासी होनी चाहिए।
- गर्भवती महिला की आयु 19 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। (कम उम्र की गर्भवती महिलाएं अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए पात्र हो सकती हैं, लेकिन इस योजना के लिए न्यूनतम आयु 19 वर्ष है)।
- महिला गर्भवती होनी चाहिए और उसका पंजीकरण आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या आशा कार्यकर्ता द्वारा किया गया होना चाहिए।
- प्रसव मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सरकारी अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) या निजी अस्पताल/क्लिनिक में होना चाहिए जो योजना के साथ पंजीकृत हो। घर पर प्रसव कराने वाली महिलाएं इस लाभ के लिए पात्र नहीं हैं। MP Mukhyamantri Janani Yojana
- योजना आमतौर पर केवल पहले दो जीवित बच्चों के जन्म के लिए लागू होती है। तीसरे या उससे अधिक बच्चे के जन्म पर यह लाभ प्राप्त नहीं होता है। (इसमें अपवाद संभव हैं, जैसे ट्विन्स या कुछ विशेष परिस्थितियों में, जिसकी जानकारी स्वास्थ्य कर्मी दे सकते हैं)।
- लाभ प्राप्त करने के लिए महिला का आधार कार्ड उसके बैंक खाते से लिंक होना आवश्यक है, क्योंकि सहायता राशि सीधे खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजी जाती है।
जरुरी दस्तावेज
मुख्यमंत्री जननी योजना के तहत अवेदन करने के लिए आपको कुछ जरुरी दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ सकती हैं, जो निचे दिए गए हैं।
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- बैंक खाता विवरण
- मोबाइल नंबर
- गर्भावस्था प्रमाण पत्रहाल की पासपोर्ट साइज फोटो।
- पति का आधार कार्ड
- जननी सुविधा कार्ड/मातृ कार्ड
आवेदन प्रक्रिया
मुख्यमंत्री जननी योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया मुख्यत रूप से निचे दी गई जिसको फॉलो कर के आप आसानी से आवेदन कर सकते है।
- गर्भवती महिला को सबसे पहले अपने क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या आशा कार्यकर्ता से संपर्क करना चाहिए।
- महिला को सभी आवश्यक दस्तावेजों (आधार, निवास प्रमाण, बैंक पासबुक फोटोकॉपी, फोटो आदि) की प्रतियां आंगनवाड़ी/आशा कार्यकर्ता को जमा करनी होंगी। MP Mukhyamantri Janani Yojana
- स्वास्थ्य कर्मचारी महिला का विवरण दर्ज करके उसे एक जननी सुविधा कार्ड या मातृ कार्ड प्रदान करेंगे। यह कार्ड योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।
- गर्भवती महिला को कार्ड दिखाकर निशुल्क प्रसव पूर्व जांच, प्रसव और प्रसवोत्तर जांच की सुविधा प्राप्त होती है।
- प्रसव के बाद, संस्थान द्वारा प्रसव की जानकारी ऑनलाइन सिस्टम में दर्ज की जाती है। सभी जरूरी शर्तें पूरी होने और दस्तावेजों के सत्यापन के बाद, वित्तीय सहायता राशि (₹5000 + ₹6000) सीधे महिला के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भेज दी जाती है।
Conclusion
MP Mukhyamantri Janani Yojana मध्यप्रदेश में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हुई है। वित्तीय सहायता ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया है, जिससे अस्पतालों में प्रसव कराने वाली महिलाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसका सीधा असर राज्य में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में गिरावट के रूप में दिखाई दे रहा है। यह योजना न केवल जीवन बचा रही है बल्कि गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त भी बना रही है, जिससे उनकी गरिमा बनी रहती है।
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मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री जननी योजना: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न – क्या यह योजना केवल सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने वाली महिलाओं के लिए है?
उत्तर – नहीं। योजना का लाभ सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव कराने वाली पात्र महिलाओं को मिलता है, बशर्ते वह संस्थान योजना के साथ पंजीकृत हो।
प्रश्न – क्या तीसरे बच्चे के जन्म पर भी यह लाभ मिलेगा?
उत्तर – सामान्य नियम के अनुसार, नहीं। मुख्यमंत्री जननी योजना का वित्तीय लाभ केवल पहले दो जीवित बच्चों के जन्म के लिए ही दिया जाता है। हालांकि, ट्विन्स या कुछ विशेष परिस्थितियों में अपवाद हो सकते हैं, जिसकी पुष्टि स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी से करनी चाहिए।
प्रश्न – लाभ राशि कब तक मिल जाती है?
उत्तर – लाभ राशि प्रसव के बाद, सभी आवश्यक दस्तावेजों के सत्यापन और प्रक्रिया पूरी होने के बाद डीबीटी के माध्यम से सीधे महिला के बैंक खाते में जमा कर दी जाती है। समय अवधि संस्थान द्वारा प्रसव की जानकारी दर्ज करने की गति और सत्यापन प्रक्रिया पर निर्भर करती है, आमतौर पर कुछ हफ्तों से लेकर एक-दो महीने तक का समय लग सकता है। आवेदन स्थिति ऑनलाइन पोर्टल पर चेक की जा सकती है।
प्रश्न – क्या बैंक खाता महिला के नाम पर होना जरूरी है?
उत्तर – हाँ, बिल्कुल जरूरी है। लाभ राशि सीधे गर्भवती महिला (लाभार्थी) के नाम से खुले बैंक खाते में ही भेजी जाती है, और यह खाता उसके आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए। पति या किसी अन्य के खाते में राशि नहीं भेजी जाती।