Pm Van Dhan Yojana : पीएम वन धन योजना क्या है, ऑनलाइन आवेदन, पात्रता, लाभ दस्तावेज जाने पूरी जानकारी।

PM Van Dhan Yojana नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में आप सब का स्वागत है जिसमे आज हम आप सब को इस पोस्ट के माध्यम से पीएम वन धन योजना की सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है जिसमें हम आपको इस योजना से जुडी पूरी जानकारी देने वाले है जैसे पीएम वन धन योजना क्या हैं, इसके उद्देश्य क्या हैं, लाभ, दस्तावेज जाने सम्पूर्ण जानकारी।

अधिक जानकारी के इस लिए इस पोस्ट को विस्तार से पूरा पढ़िए और इसके अंत तक जुड़े रहे। अगर आप इस योजना के तहत लाभ लेना चाहते है तो आपको इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन करना होगा और इसके लिए आपको आवेदन कैसे करना है हम आपको निचे सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है। PM Van Dhan Yojana

प्रधानमंत्री वन धन योजना क्या हैं

पीएम वन धन योजना की औपचारिक शुरुआत 14 अप्रैल, 2018 को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से हुई, जिसे तत्कालीन केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम ने लॉन्च किया।

भारत के हृदय में बसी हुई हैं देश की विशाल वन संपदा और उस पर निर्भर करने वाले करोड़ों वनवासी समुदाय। ये समुदाय सदियों से जंगलों के संरक्षक रहे हैं, वनोपज से अपनी आजीविका चलाते रहे हैं।

लेकिन अक्सर इनकी मेहनत का उचित मूल्य न मिल पाना, शोषण, और बाज़ार तक सीधी पहुंच का अभाव इनकी प्रगति में बाधक बना रहा। PM Van Dhan Yojana

पीएम वन धन योजना का उद्देश्य 

  • वनवासियों को वनोपज का उचित मूल्य दिलाकर उनकी आय में स्थायी वृद्धि करना।
  •  वनवासियों को स्थानीय स्तर पर ही वनोपज का प्रसंस्करण (Processing) और मूल्य संवर्धन (Value Addition) करना सिखाना, ताकि कच्चे माल की बजाय तैयार उत्पाद बेचकर अधिक लाभ कमाया जा सके।
  •  वनवासियों को स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और सहकारी समितियों के माध्यम से संगठित करना, जिससे उनकी सौदेबाजी की ताकत बढ़े। PM Van Dhan Yojana
  • इन समूहों को बाज़ार से सीधा जोड़ना और उनके उत्पादों की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग सुनिश्चित करना।
  • रोज़गार सृजन: ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर ही रोज़गार के अवसर पैदा करना।
  •  वनवासियों को आधुनिक प्रसंस्करण तकनीक, पैकेजिंग, गुणवत्ता नियंत्रण और प्रबंधन का प्रशिक्षण देना।
  • वनोपज के वैज्ञानिक और टिकाऊ दोहन को प्रोत्साहित करना।

PM वन धन योजना का लाभ 

पीएम वन धन योजना के तहत निम्लिखित लाभ है जो निचे दिए गए हैं।

  • वर्ष भर आय के अवसर पैदा होते हैं। उत्पादों को स्टोर करके बाजार की मांग के अनुसार बेचा जा सकता है।
  • अकेले किसान/संग्राहक की बजाय 300 सदस्यों के क्लस्टर या हज़ारों सदस्यों के संघ के रूप में बाजार में सौदेबाजी की ताकत कहीं अधिक होती है। खरीदारी, प्रसंस्करण और विपणन की लागत भी कम होती है।
  • VDVK और VDVKACs के संचालन में प्रशिक्षण, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, गुणवत्ता नियंत्रण, प्रबंधन और विपणन जैसे विभिन्न स्तरों पर स्थानीय युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार पैदा होते हैं।
  • योजना के तहत नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रमों से वनवासियों को नए कौशल सीखने का मौका मिलता है, जिससे वे स्वावलंबी बनते हैं और अपना छोटा व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित होते हैं।
  • योजना में महिला स्वयं सहायता समूहों को विशेष प्राथमिकता दी जाती है। इससे महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ी है, उन्हें आत्मनिर्भरता और सम्मान मिला है, जिसका पूरे परिवार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • पारंपरिक ज्ञान का संरक्षण और उपयोग: योजना स्थानीय पारंपरिक ज्ञान को महत्व देती है और उसे आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर नए उत्पाद विकसित करने को प्रोत्साहित करती है।
  • वनोपज से नियमित आय मिलने से वनवासियों में जंगलों के संरक्षण और टिकाऊ दोहन की प्रवृत्ति बढ़ती है।

पात्रता 

अगर आप भी इस योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते तो आपको इस योजना के तहत दी गई कुछ जरुरी पात्रता को पूरा करना होगा जो कुछ प्वाइंट निचे दी गए है। PM Van Dhan Yojana

  • अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के सदस्यों को प्राथमिकता।

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  • आवेदन करने वाले व्यक्ति को अन्य वन निवासी होना चाहिए ST सदस्यों के अनुपात में कम से कम 50% हो।

  • लाभार्थी की उम्र 18 साल से अधिक होने चाहिए।

  • लाभार्थियों का आधार कार्ड होना और उसका बैंक खाते से लिंक होना अनिवार्य है।

  • इस योजना का लाभ पाने के लिए व्यक्ति को किसी पंजीकृत स्वयं सहायता समूह (SHG) का सदस्य बनना होता है, जो किसी वन धन विकास केंद्र (VDVK) से जुड़ा हो।

  • व्यक्ति की आजीविका का मुख्य स्रोत वनोपज का संग्रहण, प्रसंस्करण या व्यापार होना चाहिए।

जरुरी दस्तावेज 

पीएम वन धन योजना में आवेदन करने के लिए आपको कुछ जरुरी दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ सकती हैं  जो निचे दिए गए है।

  • आधार कार्ड

  • जाति प्रमाण पत्र

  • निवास प्रमाण पत्र

  • बैंक खाता विवरण

  • पासपोर्ट साइज फोटो

  • मोबाइल नंबर

  • वन अधिकार अधिनियम (FRA) के तहत दावा पत्र

  • अन्य दस्तावेज

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 

पीएम वन धन योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की निम्नलिखित प्रक्रिया है।

  • स्थानीय स्तर पर रुचि रखने वाले वनवासी (प्राथमिकता ST) एक स्वयं सहायता समूह (SHG) बनाते हैं। आदर्श रूप से एक SHG में 20 सदस्य होने चाहिए। समूह का एक नेता चुना जाता है।

  • समूह का नेता या सदस्य जिला स्तरीय कार्यान्वयन एजेंसी जैसे जिला प्रशासन (जनजातीय विभाग), जिला वन अधिकारी, या ट्राइफेड (TRIFED) के जिला स्तरीय प्रतिनिधि से संपर्क करता है।

  • जिला प्रशासन और ट्राइफेड मौजूदा वन धन विकास केंद्र (VDVK) क्लस्टर की पहचान करते हैं या नए क्लस्टर का गठन करते हैं।

  • SHG के सभी सदस्यों की जानकारी (आधार, जाति प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण आदि) एकत्र की जाती है और ट्राइफेड के ऑनलाइन पोर्टल (https://trifed.tribal.gov.in/van-dhan) पर पंजीकृत की जाती है।

  • पंजीकृत सदस्यों को VDVK में प्रसंस्करण, पैकेजिंग, गुणवत्ता नियंत्रण, बाजार संपर्क आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। केंद्र में आवश्यक उपकरण और बुनियादी ढांचा प्रदान किया जाता है।

  • VDVK संघ (VDVKAC) और ट्राइफेड इन उत्पादों को अपने आउटलेट्स (ट्राइब्स इंडिया), ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स (जैसे TribesIndia.com), सरकारी खरीद (GeM पोर्टल), और अन्य बाजारों में बेचने में मदद करते हैं।

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Conclusion

PM Van Dhan Yojana सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि वनवासियों को उनके अधिकारों, उनकी मेहनत के उचित मूल्य और उनकी क्षमताओं पर भरोसा दिलाने का एक सशक्त माध्यम है।

यह योजना ‘वन धन’ को ‘जन धन’ में बदलने का एक प्रभावी मॉडल साबित हो रही है। सहकारिता के माध्यम से मूल्य संवर्धन और बाजार से सीधा जुड़ाव, वनवासियों को गरिमा और आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रहा है।

यह न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है, बल्कि भारत की समृद्ध जैव विविधता और पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। पीएम वन धन योजना वास्तव में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में वनवासी समुदायों को आगे बढ़ाने वाली एक प्रकाशस्तंभ है।

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